इश्क करना नहीं – Kavita – By Dhirendra Panchal (Kavitalay Member)
इश्क़ पर तुम किताबें लिखे जा रहे हो मशवरा है मेरा इश्क करना नहीं। दर्द कागज पे अपने लिखे जा रहे हो मशवरा है मेरा दर्द कहना नहीं। मुस्कुराने की उनकी अदब देखिए तो देखकर यूँ ही खुद से फिसलना नहीं। लाख कह लें तुम्हें , तुम हो मेरे लिए मुस्कुराकर कभी सर झुकाना नहीं। […]