1.
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात की,
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए।
2.
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियां तेरी।
3.
अजब चिराग हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ,
थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे।
4.
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।
5.
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।
6.
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।
7.
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।
8.
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँस कर,
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद।
9.
तेरा साथ छूटा है सम्भलने में वक्त तो लगेगा,
हर चीज़ इश्क़ तो नहीं जो एक पल में हो जाये।
10.
मेरी कोशिश कभी कामयाब ना हो सकी,
न तुझे पाने की न तुझे भुलाने की।
11.
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
12.
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
शकील बदायुनी
13.
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
साहिर लुधियानवी
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