फुर्सत गर तुम्हें मिले मेरी भी इक तस्वीर बना देना खुद की छवि से मेरी भी इक छवि निकाल लेना गर ना मिले रंग कोई भी अपने रंग से मुझे रंग देना बीते हुए अहसासों की इक लकीर हृदय के कैनवस पे उतार लेना। --Vandana Agrwal

Collection of Hindi Kavita and Urdu Shayri
फुर्सत गर तुम्हें मिले मेरी भी इक तस्वीर बना देना खुद की छवि से मेरी भी इक छवि निकाल लेना गर ना मिले रंग कोई भी अपने रंग से मुझे रंग देना बीते हुए अहसासों की इक लकीर हृदय के कैनवस पे उतार लेना। --Vandana Agrwal