"नर हो नारी का सम्मान करो"
नर हो, नारी का सम्मान करो।
उनका ना कभी अपमान करो।
हर पग के कांटे चुन लेगी,
हर बात तुम्हारी सुन लेगी।
तुम मानो या ना मानो ये,
सपनों में तुम्हें ही बुन लेगी।
नर हो तो फिर उत्थान करो,
सब नारी का सम्मान करो।
नारी ही जननी बनती है,
नारी ही भगिनी बनती है।
वो साथ तुम्हारे चलने को,
नारी ही पत्नी बनती है।
नर हो, तुम अभिमान करो,
पर नारी का सम्मान करो।
बेटी बन कर जब आती है,
एहसास नया दिलाती है।
कहते हैं उसे पराया सब,
फिर भी वो प्यार जताती है।
नर हो तो कन्यादान करो,
पर नारी का सम्मान करो।
दुःख दूर तुम्हारे कर देगी,
सम्पूर्ण तुम्हें वो कर देगी।
जीवन के हर मुश्किल को,
हंस कर वो हल कर देगी।
नर हो, खुशी प्रदान करो।
तुम नारी का सम्मान करो।
--@वन्दना नामदेव
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